Followers

Wednesday, June 10, 2009

माफ़ कीजियेगा...

वैसे तो शायद ही कोई मेरे ब्लॉग को देखता होगा फिर भी मैं माफ़ी चाहता हूँ कि कुछ तकनिकी कारणों के चलते मुझे अपने ब्लॉग के सारे पोस्ट डिलीट करने पड़े। हालाँकि इससे किसी को कोई फर्क नही पड़ेगा लेकिन मैं तो संतुष्ट हो जाऊँगा कि मैं माफ़ी मांग ली और इससे ये भी लगेगा कि कोई ना कोई तो मेरा ब्लॉग पड़ता ही होगा, अब भले ही "दिल को बहलाने के लिए ये ख्याल अच्छा है ग़ालिब..." वैसे मुझे अपनी कुछ पोस्ट कि कमी जरुर खलेगी लेकिन कभी-कभी कुछ बातों पर आपका बस नही चल पाता है क्या करे...

0 comments:

About Me

My Photo
Aditya Dubay
हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |
View my complete profile